"जीवन चलने का नाम... मेरे संग चलते रहो सुबहो-शाम। "जीवन चलने का नाम... मेरे संग चलते रहो सुबहो-शाम।
पर कोरोना कुछ मेरी ही तरह का ढीठ निकला, जाकर ही न दे रहा। । पर कोरोना कुछ मेरी ही तरह का ढीठ निकला, जाकर ही न दे रहा। ।
देख न निगोड़ी ‘कोरोना ‘महामारी बन कर पूरी दुनिया को खा रही है; देख न निगोड़ी ‘कोरोना ‘महामारी बन कर पूरी दुनिया को खा रही है;
कम से कम जब तक कोरोना का प्रकोप है अपने आप मे सिमट जाइये कम से कम जब तक कोरोना का प्रकोप है अपने आप मे सिमट जाइये
आदमी बिना मनोरंजन के रह सकता है पर बिना भोजन के नहीं आदमी बिना मनोरंजन के रह सकता है पर बिना भोजन के नहीं